Tuesday 28 February 2017

मीडिया शोध के सिद्धांत

मीडिया शोध के सिद्धांत


शोध क्या है ?
सामाजिक क्षेत्र में प्रशनों के उत्तर खोजने के क्रमबद्ध एवं सुव्यवस्थित प्रयास को शोध कहा जाता है | शोध के लिए अंग्रेजी में ‘रिसर्च (research) शब्द का प्रयोग किया जाता है | रिसर्च मूल रूप में लैटिन के रि(Re) अर्थात दोबारा और सर्च (search) अर्थात खोजना से बना है | अतः रिसर्च या शोध का अर्थ है पुनःखोजना | शोध का लक्ष्य “सत्य का संधान” है |

जिज्ञासा अनुसंधान के लिए बुनियादी प्रेरणा है। यह कहा जाता है कि जब से एडम ने जिज्ञासा से बाहर ज्ञान का वर्जित फल चख लिया, वह पहले शोधकर्ता बन गया। तब से, ज्ञान के लिए मानव ने खोज जारी रखा है। वास्तव में हम सब शोधकर्ता है | हम सूचनाएँ एकत्र करते है, परिक्षण करते है, नए और आसन तरीके खोजते है, कुछ नई मान्यताएं गढ़ते है, पूर्व निर्धारित मान्यताओं को तोड़ते है |

अनुसंधान अक्सर अवलोकन के साथ शुरू होता है। अवलोकन बुद्धिपूर्ण तरीके से हमारे  संवेदी तंत्र का इस्तेमाल करता है । हम  यह जानते हैं कि अवलोकन तथ्यों, संबंधों और घटनाओं को समझने के लिए एक अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। अगर अवलोकन सटीक है, परिणाम और अधिक विश्वसनीय हो जाएगा।

अनुसंधान का मतलब  कुछ हद तक जांच करने  का रवैया है। यह तथ्यों के लिए एक ईमानदार, बुद्धिमान और व्यापक खोज है। सभी अनुसंधान क्रमिक या  व्यवस्थित ज्ञान के लिए एक खोज है| गुणात्मक तरी सेके एकत्रित  या व्यवस्थित करने का एक  तरीका है। शोध तथ्यों  का विश्लेषण करने , वर्गीकृत करने  या फिर  मात्रात्मक या गुणात्मक तरीके से एकत्रित  या व्यवस्थित करने का एक  तरीका है। यह तथ्यों का विश्लेषण कर उन्हें प्रकाश में लाने  और समस्याओं का  समाधान पाने के लिए एक प्रयास है। अनुसंधान वैज्ञानिक खोज का एक पहलू है और अब एक प्रमुख अनुशासन बन गया है।

परिभाषा

शोध का अर्थ किसी वास्तु अथवा व्यक्ति के विषय में विशेष रूप से सतर्कता के साथ खोज करना , तथ्यों या सिद्धांतो का परिक्षण करने के लिए विशे सामग्री की लगातार जानकारी प्राप्त करने से है
                                         -दि न्यू सेंचुरी डिक्शनरी

शोध एक दृष्टिकोण है ,जाँच-परख का तरीका और मानसिकता है | -रस्क

नवीन ज्ञान की प्राप्ति के लिए किये गए व्यवस्थित प्रयत्न को हम शोध कहते है | - रेडमैन और मोरी 

ज्ञान को खोजना, विकसित करना और सत्यापित करना शोध है | - रुमेल
किसी समस्या को हल करने के लिए व्यवस्थित ढंग से जांच पड़ताल करना और सूचनाएँ उपलब्ध करना शोध है |

      उपरोक्त परिभाषा के आधार पर कहा जा सकता है कि नवीन ज्ञान की खोज की दिशा में दिए गए व्यवस्थित एवं क्रमबद्ध प्रयास शोध है। शोध का अंतिम उद्देश्य सिद्धांतों का निर्माण करना होता है । मनुष्य के जीवन में आने वाली समस्याओं के निदान में भी शोध ही आगे आता है । शोध विज्ञान और वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित होता है। इसलिए इस परआधारित ज्ञान भी वस्तुपरक होता है।

        शोध में दो भौतिक गुणों की प्रधानता पायी जाती है | प्रथम अवलोकन (observation) जिसके द्वारा घटना या व्यव्हार को उद्देश्यपूर्ण दृष्टि से देखना , दिव्तीय परिक्षण – प्राप्त तःत्ज्यो के अर्थ को समझकर घटना के पीछे छिपे कारकों को परखना है | इन दोनों गुणों को ध्यान  में रखकर जो ज्ञान प्राप्त होगा उसे संचित करने की सम्पूर्ण प्रक्रिया को ही शोध कहा जाता है |    
      प्रत्यक शोध अध्ययन किसी प्रश्न समस्या घटना ,प्रवत्ति या व्यवहार को लेकर प्रारंभ किया जात है | इसमें शोधकर्ता यह जानने की कोशिश करता है कि सम्बंधित घटना या समस्या या प्रश्न कब कैसे तथा किसके द्वारा उत्पन्न किया गया है  |



एक शोधकर्ता के उपकरणों में से कुछ इस प्रकार हैं:

·       विकसित शास्त्रीयता
·       सटीक निरिक्षण
·       पारदर्शिता
·       तर्कसंगत सोच
·       लम्बे समय तक कार्य करने की इच्छा शक्ति

किसी भी शोध को एक एकीकृत सिद्धांत या एक वैचारिक प्रणाली के आधार पर किया जाना चाहिए।  शिथिल टिप्पणियों की एक श्रृंखला अक्सर एक व्यवस्थित अनुसंधान की ओर ले जाती है । फैसले की परिपक्वता क्षेत्र के एक व्यापक अनुभव के बाद आता है।

शोध के प्रकार
शोध मुख्यत: तीन प्रकार के होते है – 1. मौलिक (basic)  2.व्यवहारिक शोध (applied research)  3.क्रियात्मक शोध (action research) | ये तीनो ही प्रकार महत्वपूर्ण है और मीडिया में तीनो प्रकार की शोध होती है |

मीडिया शोध के सिद्धांत


v मीडिया शोध करते समय हमेशा ध्यान रखना चाहिए की जनता के हित को सबसे एहम महत्वपूर्णता दि जाए जिससे की समाज के सभी वर्गों भला हो सके |

v मीडिया में शोध के विषय का चयन गंभीरता से किया जाए,समाज को ध्यान में रख कर विषय का चयन होना चाहिए |

v मीडिया शोध करने से पहले परिकल्पना तैयार करे जिससे आगे के कार्य में आसानी हो | परिकल्पना किसी विषय  के सम्बन्ध अस्थायी हल देने का साधन है |

v शोध के विषय के अनुसार हर पक्ष का अध्धयन हो और हर पहलुओ पर रोशनी डाली जाए |

v मीडिया की गुणवत्ता बनाये रखने  के लिए मीडिया का निष्पक्ष होना ज़रूरी है और इसीलिए मीडिया के लिए शोध करते हर किसी भी  तरह के पूर्वाग्रह में न पड़े अन्यथा शोध के परिणाम पर गलत असर पड़ सकता है |

v शोध करते समय हर महतवपूर्ण बात को नोट करना चाहिए जिससे की रिपोर्ट बनाने में कोई गलती न हो सकें |

v शोध करने से पहले शोध का केंद्र क्या है ये जानना आवश्यक है |

v किस प्रकार के आंकड़े चाहिए | उन्हें जुटाने की तकनीक क्या होगी |

v शोध करते समय सहजता से काम ले क्योंकी  एक भी  गलत कदम शोध
को उलझा सकता है और समय बीतने के बाद भी कोई परिणाम निकाल पाना संभव न होगा |

v शोध के बाद उपयोगी और उनुप्योगी सामग्री को छांट कर अलग रखे और प्राप्त तथ्यों ,आंकड़ो को एक क्रम में रखें |

v मीडिया शोध करते समय ये ध्यान में रखे की शोध  कार्य इलेक्ट्रॉनिक  मीडिया के लिए किया जा रहा है या प्रिंट मीडिया के लिए |मीडिया के प्रकार अनुसार ही सामग्री  एकत्रित करें |

v विषय का अध्धयन तेज़ी से करें |समय की बचत का ध्यान रखे जितनी जल्दी शोध कार्य पूर्ण होगा उसका प्रभाव उतना ही बेहतर होगा |

v शोध को बेहतर बनाने के लिए पूर्व शोध को जांचे और उसकी गलतियों से सीख कर नयी शोध को बेहतर बनाने का प्रयास करें |

v निष्पक्षता का सिद्धांत : किसी भी प्रकार के शोध में निष्पक्षता का होना अति आवश्यक है और मीडिया में इसका होना महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें पक्षपात की संभावना और अधिक बनी रहती है ।निष्पक्षता के साथ शोधकरना और निष्पक्षता के साथ ही उसका परिणाम निकलना एक अच्छे शोधकर्ता की पहचान है ।किसी भी शोधकर्ता को अपनेकार्य के प्रति वस्तुनिष्ठ रहना चाहिए और अपना काम ईमानदारी से करना चाहिए मीडिया शोध के लिए निष्पक्षता सिद्धांत अति आवश्यक है

v वस्तुनिष्ठ का सिद्धांत मीडिया : शोध में वस्तुनिष्ठता का सिद्धांत भी बहुत अधिक महत्वपूर्ण है शोधकर्ता को शुद्ध वस्तुनिष्ठ था के साथ करनी चाहिए वस्तुनिष्ठता का सिद्धांत अपनाएं बिना एक सफल शोध नहीं किया जा सकता
v लोकतंत्र मूल्यों की रक्षा का सिद्धांत : मीडिया शोध करते समय लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा का ध्यान रखना चाहिए संविधान संविधान की रक्षा हर स्थिति में करनी चाहिए सोच करते समय संविधान का उल्लंघन नहीं करना चाहिए बल्की कानून के दायरे में रहकर सोध करना चाहिए

v दृष्टि की व्यापकता का सिद्धांत : शोध करते समय शोधकर्ता का विस्तृत नजरिया होना चाहिए उसे किसी भी संस्कृति धर्म विशेषव्यापकता नहीं देनी चाहिए बल्कि जो पूरा जनसमूह मानता है उस पर विचार करना चाहिए शोधकर्ता को निष्पक्षता एवम किसी जाति धर्म समुदाय का पक्ष लिए बिना शोध करना चाहिए डिस्टिक की व्यापकता शोधकर्ता के लिए बहुत आवश्यक है शोध हमेशा विश्वास नहीं होना चाहिए कुछ भी ऐसा नहीं होना चाहिए जिस पर विश्वास किया जाए

v गोपनीयता की रक्षा का सिद्धांत : शोध करते समय गोपनीयता की रक्षा का ध्यान रखना चाहिए जब तक आवश्यकता ना हो तब तक किसी भी सूत्र को शोध की जानकारी नहीं देनी चाहिए यदि हम किसी चीज का सर्वे कर रहे हैं तो हमें उसके नाम को वो अपने रखना चाहिए यदि हम किसी प्रकार की घटना का शो कर रहे हैं तो हमें उसकी पूरी पहचान को गोपनीय रखना चाहिए क्योंकि पीड़ित की पहचान बताने से उसकी गरिमा पर एक और प्रहार करने जैसा होगा |