आकाशवाणी का
संगठनात्मक स्वरुप
परिचय
संगठन कार्य, साधनों और संबंधो की एक औपचारिक
अवस्था है जिसके माध्यम से प्रबंधन अपना कार्य संपन्न करता है | यह प्रबंधन का
तंत्र एवं शरीर रचना है | संगठित प्रयासों के द्वारा ही उपक्रम की योजनाओं एवं
आवश्यकताओं को साकार किया जा सकता है | एक सुदृढ़ संगठन व्यवसाय की प्रत्येक समस्या
का उत्तर है |
अर्थ एवं परिभाषा
मनुष्य और संस्था दोनों के लक्ष्यों की प्राप्ति
का आधार संगठन ही है | संगठन कार्यों साधनों एवं संबंधों की एक औपचारिक अवस्था है
जिसके माध्यम से प्रबंधन अपना कार्य संपन्न करता है | जब दो या दो से अधिक व्यक्ति
मिलकर किसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए कार्यशील हो तो उन्हें संगठन की आवश्यकता
होती है | उद्देश्य चाहे अल्पकालीन हो या दीर्घकालीन संगठन की आवश्यकता में कमी
नहीं आती | संगठन के विभिन्न स्तरों पर नियुक्त अधिकारीयों के मध्य सहसंबंधों की
व्याखा की जाती है | एक व्यावसायिक उपक्रम को अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए
कुशल संगठन का निर्माण करना चाहिए क्योंकि एक कमजोर संगठन अच्छे उत्पाद को मिट्टी
में मिला सकता है |
जब दो या दो से अधिक व्यक्ति मिलकर किसी लक्ष्य
की पूर्ति के लिए कार्य करते है तो उनके बीच स्थापित संबंधों एवं अंतःक्रियाओं की
संरचना को संगठन कहते है |
आकाशवाणी का संगठनात्मक स्वरुप
आकाशवाणी सुचना और प्रसारण
मंत्रालय का एक विभाग है | अगर हम इसके संगठन की बात करे तो आकाशवाणी का सर्वोच्च
अधिकारी महानिदेशक होता है जो अपने विभाग के सभी कार्यों के लिए सूचना मंत्री तथा सूचना
और प्रसारण मंत्रालय के प्रति उत्तरदायी होता है | सुचना और प्रसारण मंत्रालय
द्वारा उसे अनेक प्रसासकिया अधिकार दिए गए है | केंद निदेशकों के स्थानान्तरण तथा
नियुक्ति, आकाशवाणी की समितियों के सदस्यों की नियुक्ति तथा प्रसारण माध्यम की नीति
सम्बन्धी सभी मामलों का सारा उत्तरदायित्व महानिदेशक पर होता है | यह इन सब मामलों
में सुचना उअर प्रसारण मंत्री की अनुमति प्राप्त करता है | आकशवाणी के महानिदेशक
का यह दायित्व है कि सभी केंद्र निदेशकों और निर्माताओं को कार्यक्रमों को
प्रस्तुत करने की पूरी स्वतंत्रता दे, परन्तु साथ ही वे जनता तथा सरकार के और इस
प्रकार संसद के प्रति भी उत्तरदायी हो | महानिदेशक का पद भारत सरकार के
अतिरिक्त-सचिव के समकक्ष होता है |
विशव के अन्य प्रसारण संगठनों की ही तरह आकाशवानी के भी प्रमुख तीन अंग है :
*कार्यक्रम
*इंजीनियरिंग
*प्रसाशन
महानिदेशक प्रसारण के इन
तीनो अंगों का प्रधान होता है |
महानिदेशक की सहायता के लिए एक अतिरिक्त
महानिदेशक होता है जो महानिदेशक के लगभग सभी उतरदायित्वों को निभाता है | महानिदेशक
तथा अतिरिक्त महानिदेशक के सहायता के लिए
उप-महानिदेशक होते है | आकाशवाणी में इस समय उप-महानिदेशक स्तर के 9 अधिकारी है |
आकाशवानी का संगठनात्मक
स्वरुप
इंजीनियरिंग विभाग
इंजीनियरिंग विभाग का सर्वोच्च अधिकारी प्रधान
अभियंता (इंजिनियर-इन-चीफ) होता है जो
सीधे महानिदेशक के प्रति उत्तरदायी होता है |
इंजीनियरिंग विभाग का मुख्य कार्य आकाशवाणी में
स्टूडियो तथा ट्रांसमीटरों का संचालन सामान्य बनाये रखने, रख-रखाव, ऐन्टेना संस्थापकों,
रेसिएविंग सेंटरों, तथा प्रसारण प्रणाली के अन्य कार्यों की योजना तथा विकास,
प्रसारण-विकास तथा टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अनुसंधान कार्यों आदि के लिए
इंजीनियरिंग कर्मचारी होते है |
अनुश्रवण विभाग
अनुश्रवण विभाग आकाशवाणी के लिए ख़बरों का
महत्वपूर्ण स्रोत है | अनुश्रवण विभाग प्रसारण नीति-आयोजकों के लिए सुचना सामग्री
उपलब्ध करता है | अनुश्रवण विभाग पहले शिमला में था परन्तु अप्रैल 1981 से इसका
कार्यालय दिल्ली में स्थानान्तरित कर दिया गया | अनुश्रवण विभाग प्रतिदिन विदेश के
26 रेडियो स्टेशनों के 180 ट्रांसमीटरों का अनुश्रवण करता है |
प्रशासनिक विभाग
आकाशवाणी महानिदेशालय में सभी प्रकार के
प्रशासनीय कार्य उप-महानिदेशक देखता है | प्रशासनिक विभाग का संबंध संगठन में
कर्मियों की नियुक्ति, भर्ती, प्रसिक्षण, प्रमोशन, कर्मियों में कार्य वितरण आदि
से है | इसके अलावा प्रशासनिक विभाग विभिन्न विभागों में समन्वय स्थापित करता है |
श्रोता अनुसंधान
विभाग
भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण वाले देश में श्रोताओं
की पसंद, नापसंद जानने का काम आसान बिलकुल भी नहीं है | इसलिए एक सुव्यवस्थित
श्रोता अनुसंधान संगठन की संरचना की गई जो श्रोताओं की रूचि को जाने ताकि आकाशवाणी
को ज्यादा से ज्यादा लोग सुने |
एकाउंटिंग विभाग
अकाउंट किताब का रख-रखाव, तुलन पात्र को तैयार
करना, वित्तीय बयान, भुगतान, बजट तैयार करना, वित्तीय योजना और लगत का कार्यभार
संभालती है |
विज्ञापन
विज्ञापन राजस्व का मुख्य साधन है | यह विभाग
विज्ञापन एकत्रित कर उसे प्रसारित करता है |
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